मऊ के उपजिलाधिकारी द्वारा रचित पुस्तक का राज्यपाल ने किया विमोचन..

मिथिला व पटना यूनिवर्सिटी के कुलपति भी रहे मौजूद…

मऊ। बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने सोमवार को उपजिलाधिकारी घोसी डॉ. सीएल सोनकर द्वारा रचित एवं हिंदुस्तानी अकादमी, प्रयागराज द्वारा प्रकाशित पुस्तक *उत्तर प्रदेश के लोकधर्मी कवि एवं समाज* का विमोचन राजभवन पटना में किया। इस मौके पर मंचासीन एलएन मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के कुलपति सुरेंद्र प्रताप सिंह, पटना विश्वविद्यालय के कुलपति गिरीश कुमार चौधरी, आईएएस राबर्ट एल चांगथू आदि ने शिरकत किया।

राज्यपाल फागू चौहान ने अपने उद्बोधन में उत्तर प्रदेश के प्रांतीय सिविल सेवा के कर्मठ अधिकारी डॉ. सीएल सोनकर के निष्पक्ष शासकीय कार्यों एवं उनके समतावादी लेखन को रेखांकित किया। कहा कि मैं डा. सीएल सोनकर को व्यक्तिगत रूप से जानता हूँ, जो एक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में आम जनता के दु:ख दर्द को महसूस कर उनके मामलों को कुशलता पूर्वक निपटाने का प्रयास करते हैं। यह पुस्तक लोगों को लोकधर्मी कवि एवं समाज की बेहतर ढंग से जानकारी देती है। यह साहित्य जगत में काफी ख्याति पाएगी।

कुलपति सुरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि डॉ. सीएल सोनकर ने इस कृति के माध्यम से उत्तर प्रदेश में जन्में संतों एवं समाज सुधारकों द्वारा मानवता के प्रति किए गए कार्यों एवं दृष्टिकोण को जन-जन तक पहुँचाने का अनुकरणीय कार्य किया है। यदि शिक्षा जगत का कोई व्यक्ति ऐसा कार्य करें तो कोई खास बात नहीं है। लेकिन यदि कोई जिम्मेदार प्रशासनिक पद पर रहते हुए हिन्दी में संदर्भ सहित लेखन कार्य करे, तो यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। कुलपति प्रो. गिरीश कुमार चौधरी ने कहा कि यह पुस्तक विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं समाज के उत्तरोत्तर विकास के लिए अत्यन्त मददगार होगी।
प्रो.अब्दुल मतीन ने इस बात का जिक्र किया कि साहित्य सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि सामाजिक यथार्थ का आईना होता है। डॉ.सोनकर की यह पुस्तक इसका एक बेहतरीन उदाहरण है। सिविल सर्वेंट एवं लेखक डब्ल्यू. डब्ल्यू. हंटर, जान बीम्स, फ्राांसिस बुकानन एवं कुमार सुरेश सिंह आदि श्रृंखला के अगली कड़ी में डॉ. सोनकर को जोड़ा। सामाजिक एकता एवं समरसता के लिए यह शोध परक कार्य हिन्दी जगत में मील का पत्थर साबित होगा।
अंत मे सबका आभार प्रकट करते हुए डॉ. सीएल सोनकर ने कहा कि ज्ञान से राष्ट्र एवं समाज का बेहतर उत्थान हो सकता है। हम सबको मानसिक भेदभाव मिटाने की आवश्यकता है। सत्यमेव जयते का उद्देश्य बिना श्रमेव जयते के वगैर पूरा नहीं हो सकता। कार्यक्रम का संचालन कार्यकारी निदेशक फ्लेयर दिल्ली डॉ. अजय सिन्हा ने किया। कार्यक्रम में अन्य लोगों के साथ महामहिम को डॉ.रामविलास भारती, डॉ. अभय, शिवचन्द, डॉ. नित्यानंद यादव व साउंड इंजीनियर सिद्धार्थ मित्र आदि ने बुके भेंट किया। इस अवसर पर चंद्रावती सोनकर,महामहिम के सचिव, एडीसी विजय कुमार (आईपीएस) आप्त सचिव, विजय सिंह, प्रो. अब्दुल मतीन अलीगढ़ विश्वविद्यालय एवं चन्द्रवती सोनकर आदि की उपस्थिति में राजभवन में किया गया।

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