मनियर। “मौत” ही इस जीवन का सबसे बड़ा सत्य है। जिससे बड़े से बड़ा पैसे वाला एवं नामचीन व्यक्ति भी नहीं बच सकता। हमारे देश में हिंदू धर्म के अनुसार मृत्यु के बाद शव को जलाने की प्रथा है। इसके लिए शवदाहगृह का होना आवश्यक माना जाता है। मजे की बात यह है कि आदर्श नगर पंचायत मनियर में एकमात्र शवदाहगृह परशुराम मंदिर के पीछे तीन साल पहले बनाया गया। यह बाढ़ के पानी से कई जगह खंड़-खंड़ हो गया है। ऐसे में लोगों को शव जलाने में काफी दुश्वारियां झेलनी पड़ रही है। लोगों की शिकायत पर कई पर शवदाहगृह मं ताला तक लगाया जा चुका है। लेकिन किसी ने सुधि नहीं ली। मजबूरन नगरवासी शवदाहगृह की शव यात्रा निकालकर उच्चाधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराने का काम किया।

कोरोना महामारी में मौत के बाद ज्यादातार लोगों के शवों को खुले में जलाया जाता था। इसमें शवदाहगृहों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। मनियर के जर्जर शवदाहगृह के पुनर्निमाण को लेकर सोमवार का नगर के युवाओं ने मनियर उत्तर टोला पर एकजुट हुए। वहां से शासन एवं प्रशासन को आइना दिखाने के लिए शवदाहगृह की शव यात्रा निकाली गई।

शवयात्रा में गाजे-बाजे के साथ लोग प्रशसन के खिलाफ नारेबाजी तक कर रहे थे। यह यात्रा सड़क पर निकलने के बाद मनियर पशुराम मंदिर, मनियर रोडवेज डिपो से पहाड़ी रोड होते हुए नगर पंचायत कार्यालय पहुंचा। इसके बाद शव में आग लगाकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस यात्रा में राम-नाम सत्य है के साथ ही मनियर प्रशासन मुर्दाबाद के भी नारे गूंज रहे थे। टीडी कालेज के पूर्व अध्यक्ष राजेश सिंह प्रिंस ने कहा कि आदर्श नगर पंचायत शवदाह गृह के मामले में उदासीन एवं लापरवाह है। यह जनता के लिए ठीक नहीं है। मदन सचेस ने कहा कि शवदाहगृह का निर्माण गुणवतता विहीन था। जिसके कारण इतना जल्दी टूट गया। शवदाह गृह एक बरसात एवं बाढ़ भी ठीक से नहीं झेल सका। हमे आंदोलन के लिए बाध्य न किया जाए। शव यात्रा में मुखय रूप से संताष पटेल, विनय सिंह, विशाल सिंह, सिपू सिंह, संदीप सिंह, रोशन सिंह और मनीष खरवार , शक्ति सिंह, मृत्युंजय यादव, मुक्कू सिंह, राहुल कुमार आदि लोग प्रमुख रूप से मौजूद रहे।