खाकी की मार से युवक के निकले प्राण, पुलिस इंस्पेक्टर व दारोगा समेत छह निलंबित.

सुदूर शहरों से घूमने आए थे तीन दोस्त, होटल में चेकिंग के दौरान पुलिस ने की पिटाई
गोरखपुर। खाकी की क्रूरता, नंगा नाच व बर्बरता की कई कहानी बहुत सुनी होगी। एक बार फिर खाकी के क्रूर पंजों में एक निर्दोश युवक को मौत के घाट उतार दिया। पुलिस टीम ने होटल चेकिंग के दौरान रात में तीन दोस्तों की ऐसी पिटाई की, जिसमें एक की मौत हो गई और दो की हालत गंभीर बनी हुई है। पूरे प्रकरण की जानकारी होने पर एसपी ने एक इंस्पेक्टर सहित छह पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पूरे प्रकरण की छानबीन की जा रही है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद में मंगलवार को पुलिस की क्रूरता का एक बड़ा मामला सामने आया। कानपुर से गोरखपुर घूमने आए मनीष गुप्ता (35) नाम के युवक को रामगढ़ ताल पुलिस ने पीट-पीटकर मार डाला। उसका कसूर इतना था कि आधी रात को होटल में चेकिंग करने पहुंची पुलिस से उसने पूछा दिया कि चेकिंग का यह क्या तरीका है, आपको क्या हम लोग आतंकवादी लगते हैं ? पुलिस इंस्पेक्टर रामगढ़ताला जेएन सिंह ने कहा कुछ ऐसा ही आरोप है।यह कहते हुए युवक को पकड़कर एक कमरे में ले गए। अंदर से कमरा बंद कर इंस्पेक्टर एवं सब्जी मंडी चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा ने उसकी जमकर पिटाई की। पुलिस की पिटाई से युवक की मौके पर ही मौत हो गई। इस कृत्य को अंजाम देने के बाद पुलिस वालों ने मामले को दबाने की भरपूर कोशिश की। लेकिन खाकी का यह कारनामा छुप नहीं सका और मामला सुर्खियों में आते ही एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने रामगढ़ताल इंस्पेक्टर जेएन सिंह, फलमंडी चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा समेत छह पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।

आरोप है कि सोमवार की रात करीब साढ़े बारह बजे रामगढ़ ताल पुलिस होटल में चेकिंग करने पहुंची। इंस्पेक्टर जेएन सिंह, दरोगा अक्षय मिश्रा के अलावा थाने की अन्य फोर्स साथ में थी। होटल के कमरे का दरवाजा नॉक कर खुलवाया। पुलिस के साथ होटल का रिसेप्शनिस्ट भी था। पुलिस वालों ने बोला कि चेकिंग हो रही है। सभी अपनी आईडी प्रूफ दिखाओ। वहां गुरुग्राम से प्रदीप चौहान (32) और हरदीप सिंह चौहान(35) और कानपुर से मनीष गुप्ता (35) गोरखपुर के होटल कृष्णा पैलेस के रूम नंबर 512 में ठहरे थे। इस बीच हरदीप ने खुद की और साथी प्रदीप चौहान की आईडी दिखा दी। जबकि मनीष सो रहे थे। प्रदीप ने उन्हें आईडी दिखाने के लिए नींद से जगाया। इतने पर प्रदीप वहां मौजूद पुलिस वालों से बोल बैठा, इतनी रात में यह चेकिंग किस बात की हो रही है। हम लोग क्या आतंकवादी हैं ? सोते हुए इंसान को आप लोग उठाकर डिस्टर्ब कर रहे हैं। आरोप है कि इतने पर ही पुलिस वाले बौखला गए। पुलिस वालों ने शराब पी रखी थी। इंस्पेक्टर जेएन सिंह और अक्षय मिश्रा ने इतनी सी बात पर उसे पीटना शुरू कर दिया। चंदन के मुताबिक, हम दोनों को पीटते हुए कमरे से बाहर ले गए। कुछ ही देर बाद देखा कि पुलिस वाले साथी मनीष गुप्ता को घसीटते हुए बाहर लेकर आए, वह खून से लथपथ था। इसके बाद पुलिस वाले मनीष को अस्पताल ले गए। जहां उसकी मौत हो गई।

इनसेट..
मां-बाप का इकलौता पुत्र था मनीष..
गोरखपुर। दारु के नशे में होटल चेकिंग के दौरान युवक की बर्बर पिटाई और उसकी मौत के बाद दोबारा पुलिसकर्मी होटल पहुंचे। तब सभी ने अपनी नेम प्लेट भी हटा ली थी। चंदन सैनी ने बताया कि मृतक दोस्त कानपुर का रहने वाला है। घटना की सूचना उसके परिवार को दे दी गई है। परिवार के लोग गोरखपुर पहुंच रहे हैं। मनीष अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। पांच साल पहले ही उसकी शादी हुई थी। परिवार में उसके बीमार पिता और पत्नी के अलावा उसका एक चार साल का मासूम बेटा है। मां की कुछ दिनों पहले मृत्यु हो चुकी है।

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