मऊ। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर एक रामराज ने प्रताड़ना से क्षुब्ध होकर आत्महत्या करने के मामले में नामजद दो आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया। मामला कोतवाली मुहम्मदाबाद गोहना का है।अभियोजन के अनुसार कुत्तुबपुर गांव निवासी सतेंद्र प्रसाद की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई। वादी का कथन है कि आरोपीगण सरिता देवी और जयसिंह ने उसके लड़के धीरज पर झूठा आरोप लगाकर प्रताड़ित किया। जिससे क्षुब्ध होकर धीरज 31 अगस्त 2014 को ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर लिया। मामले मेंं पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर बाद विवेचना आरोप पत्र कोर्ट मे प्रेषित किया। कोर्ट में अभियोजन की ओर से पैरवी करते हुए एडीजीसी फौजदारी ने 7 गवाहों को पेश कर अपना पक्ष रखा। बचाव पक्ष से कहा गया कि उन्हें झूठा फसाया गया है। एडीजे ने दोनों पक्षों के तर्को को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद आरोपीगण सरिता देवी और जयसिंह को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया।