गाजीपुर। लहुरी काशी के नाम से विख्यात गाजीपुर का इतिहास हर कोई जानने को बेताब है। महर्षि विश्वामित्र के पिता राजा गाधि तथा हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतिक माने जाने वाले सैय्यद मसूद गाजी के नाम को लेकर हमेशा से चर्चाएं होती रही हैं। लेकिन आरंभ राजा गाधि से होती है। उस समय कौशल यानी अयोध्या की सीमा सई के किनारे-किनारे गोमती नदी के संगम तक और मध्य में राजा गाधि का ही राज्य था। उन्हीं के राज्य में बकसर एवं गाजीपुर (वर्तमान में) स्थित है। बुजुर्गो की माने तो राज्य की व्यवस्था को संचालित करने के लिए राजा गाधि ने शहर से सटे एक दुर्ग बनवाया था, जो कभी चीतनाथ घाट के पास स्थित था। बाद में इसी दुर्ग के समीप एक बस्ती बसी, जिसे गाधिपुर या गाधिपुरम के नाम से जाना गया। इसके बाद यही बस्ती बाद में चलकर जनपद में तबदील हो गई, जो आज का गाजीपुर है। इसका पुराना नाम *गाधिपुर* ही था। इसे सैय्यद मसूद गाजी ने 1330 ई. में गाजीपुर कर दिया। गाजीपुर को एक बार फिर गाधिपुर या गाधिपुरम करने के लिए जनपदवासियों की आवाजें बुलंद हो रही हैंं।

शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आगमन होने पर लोगों के अंदर की पीड़ा और कसक बाहर निकली। सैनिकों के गांव गहमर में मुख्यमंत्री के आने के बाद जनपद का नाम बदलने की चर्चा चारो तरफ थी। *गाधिपुर* की आवाज गांव-गांव, गली-गली, चौराहे-चौराहे एवं नुक्कड़-नुक्कड़ पर सुनाई दे रहा था। चारो तरफ योगी-मोदी की आवाजें गूंज रही थी। लेकिन शहर से लेकर गहमर गांव तक जनपद के पुराने नाम को पुन: अस्तित्व में लाने के लिए सभी बेताब दिखाई रहे थे। इस संबंध में कर्नल रणजीत उपाध्याय एवं डा. बुद्ध नारायण उपाध्याय ने बताया कि महर्षि विश्वामिश्र के पिता राजा गाधि के नाम से इस जनपद की पहचान रही है। इसे बनाए रखना ही उचित होगा। अपनी संस्कृति एवं धरोहर को बचाने के लिए पूरा जनपद आगे कदम बढ़ाने को तैयार है। इसी क्रम में रिटायर्ड सेना के जवान मारकंडेय सिंह ने कहा कि अपनी जनपद की पुरानी पहचान खत्म होने का हमे मलाल है। हम जनपद का नाम गाधिपुर होने तक अब आवाज उठाते रहेंगे और जरूरत पड़ी तो आंदोलन जारी रखेंगे।

क्या करेंगे योगी ?
उप्र की कमान जब से योगी संभाले हैं तब से अब तक बहुत रेलवे स्टेशन जैसे इलाहाबाद को प्रयागराज, मुगलसराय को पंडित दीनदयाल उपाध्याय, मड़ूआडीह को बनारस करने का काम किए है। अब गाजीपुर की जनता जिस तरह से आवाज बुलंद कर रही है, इससे प्रतीत हो रहा है कि योगी सरकार गाजीपुर को भी गाधीपुर करने पर जरूर विचार करेगी। इतना ही नहीं गाजीपुर के तहसील कासिमाबाद, जमानिया, मोहम्मदाबाद के नामों के बदलने की चर्चाएं भी जनपदवासियों की जुबान पर तैर रही है। अब देखना है कि योगी क्या करते हैं। शुक्रवार को सैनिकों के गांव गहमर में योगी के आगमन पर लोगों ने पत्रक सौंपा, जिसमें उनकी प्रमुख मांग गाजीपुर को गाधीपुर करना था।
गाजीपुर से विद्यासागर उपाध्याय की रिपोर्ट