बलिया। कभी शिक्षकों की कमी से जूझ रहे बेसिक शिक्षा विभाग को पटरी पर लाने के लिए प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्र योजना लागू की थी। उस समय सरकार नेे शिक्षा के सार्वभौमीकरण के लक्ष्य को पाने के लिए ऐसा किया था। इस चयन प्रक्रियाओं को पूरा करने में करीब डेंढ़ साल का वक्त लगा था। शिक्षामित्रों की नियुक्ति के बाद उतार-चढ़ाव का दौर जारी रहा। अब भी हजारों शिक्षामित्र सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए दो दशक से संघर्ष कर रहे हैं। शिक्षामित्रों ने अपनी मांगों को लेकर आर-पार की लड़ाई लडऩे का मन बना लिया है।

पूरे उत्तर प्रदेश में शुरू शिक्षामित्रों का यह आंदोलन जनपद में व्यापक रूप लेता जा रहा है। संगठन के जिला प्रभारी पंकज सिंह के नेतृत्व में इसे और तेज धार देने की कोशिश की जा रही है। इनकी प्रमुख मांगों में शिक्षामित्रों को नियमित करने, बारह महीने सम्मानजनक मानदेय देने, ६२ साल की नियमावली करने आदि शामिल है।

बलिया जनपद में शिक्षामित्रों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रत्येक रविवार को एक जनप्रतिनिधि के घर भूख हड़ताल करने का संकल्प लिया है। आने वाले रविवार को भी शिक्षामित्र भूख हड़ताल पर रहेंगे। संगठन के लोगों की माने तो इस बार की भूख हड़ताल सिकंदरपुर विधायक संजय यादव के घर होने की पूरी उम्मीद है।

शिक्षामित्र संघ के जिला प्रभारी पंकज सिंह ने बताया कि हमे जबतक न्याय नहीं मिलता। तब तक आंदोलन जारी रहेगा। हम प्रत्येक रविवार को एक जनप्रतिनिधि के घर भूख हड़ताल करेंगे। इस बार की भूख हड़ताल शुक्रवार की बैठक में फाइनल होगा, लेकिन शिक्षामित्र सिकंदरपुर विधायक का घेराव करने के साथ वहां भूख हड़ताल करने का मन बना चुके हैं। लेकिन इस पर अंतिम मूहर लगनी बाकी है।
