क्या ! मुख्‍तार के दोनों बेटों की याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज, मऊ में मकान के ध्‍वस्‍तीकरण को मिली हरी झंडी




गाजीपुर/मऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाहुबली मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों विधायक अब्बास अंसारी व उमर अंसारी की तरफ से दाखिल याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मऊनाथ भंजन स्थित मुख्तार अंसारी के बेटों की मकान को अवैध बताते हुए गिराने की नोटिस दी गई थी।
हाईकोर्ट ने ध्वस्तीकरण के खिलाफ इनकी याचिका को खारिज कर दिया तथा कहा कि उन्हें रेगुलेशन आफ बिल्डिंग (आरओबी) कानून की धारा 15 (2) के अंतर्गत प्रेस्क्राइब अथॉरिटी के आदेश के खिलाफ अपील दाखिल करने का अधिकार है। यह आदेश जस्टिस सुनीता अग्रवाल व जस्टिस नंदप्रभा शुक्ला की खंडपीठ ने विधायक अब्बास अंसारी व उमर अंसारी की याचिका को खारिज करते हुए दिया है।

हाईकोर्ट के इस आदेश से मुख्तार अंसारी के बेटों अब्बास अंसारी और उमर अंसारी को बड़ा झटका लगा है। याचिका के विरोध में मुख्य स्थाई अधिवक्ता विनीत पांडेय का कहना था कि मुख्तार के दोनों बेटों ने बिना नक्शा पास कराए दो मंजिला भवन खड़ा कर लिया है। मामले के अनुसार नगर मजिस्ट्रेट मऊ ने आरओबी एक्ट के तहत 19 दिसंबर 2022 के निर्माण को अवैध बताते हुए उसे गिराने की नोटिस जारी की थी। अब्बास अंसारी और उमर अंसारी ने इस नोटिस को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इस बीच अब्बास अंसारी ने सिटी मजिस्ट्रेट मऊ को कंपाउंडिंग के लिए अर्जी दी थी।


लेकिन सिटी मजिस्ट्रेट ने कंपाउंडिंग के बजाय ध्वस्तीकरण आदेश पारित कर दिया था।हाईकोर्ट में रिट पिटीशन दाखिल कर इस ध्वस्तीकरण आदेश को चुनौती दी गई थी। आरोप है कि जिस जमीन पर मकान बना है उसका नक्शा सक्षम प्राधिकारी से स्वीकृत नहीं कराया गया है। कोर्ट ने याचिका पर हस्तक्षेप से इंकार करते हुए याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने अब्बास अंसारी और उमर अंसारी को ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ अपील में जाने की छूट दी है। ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ नियंत्रक डीएम के समक्ष अपील करने की छूट दी है।


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