मृतक आश्रितों को नौकरी देने में बीएसए कार्यालय क्यों कर रहा है हीलाहवाली..?

शिक्षक संघ ने बीएसए को दिया अल्टीमेटम, समस्या का निदान नहीं हुआ तो होगा आंदोलन..
बलिया। जिले के शिक्षक कसक रहे हैं। उन्हें तरह-तरह के मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है। बिना कारण बताओ नोटिस और स्पष्टीकरण लिए वेतन तक काटा जा रहा है। मृतक आश्रितों की नौकरी में हीलाहवाली की जा रही है। इन सारी समस्याओं के निदान के लिए पहले भी प्राथमिक शिक्षक संघ बीएसए को पत्रक दे चुका है। लेकिन अभी तक समस्याओं का निस्तारण नहीं हुआ है। मजबूर होकर दोबारा संघ ने पत्रक देते हुए चेतावनी दी है कि एक सप्ताह के अंदर अगर समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ तो आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया जाएगा।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने मंगलवार को बेसिक शिक्षाधिकारी को पत्र देकर शिक्षकों की समस्या से अवगत कराया है। प्राथमिक शिक्षक संघ के संयोजक/जिला अध्यक्ष जितेंद्र सिंह का कहना है कि करोना काल में मृत शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के आश्रितों को मिलने वाली धनराशि तथा मृतक आश्रित की नौकरी अभी तक अधर में लटकी हुई है। विभाग इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है। अस्सी फीसदी मृतक आश्रितों को अभी तक नौकरी नहीं दी गई है। काफी दबाव बनाने के बाद भी अभी तक 10 से 15 फीसदी कर्मचारियों को ही मृतक आश्रित की नौकरी मिल पाई है।

कहा कि शिक्षकों पर बेवजह दबाव बनाया जा रहा है, जो गलत है। जनपद के प्राथमिक विद्यालय एवं बीआरसी केंद्रों पर सुविधाओं का घोर अभाव है। कंप्यूटर, लैपटॉप, इंटरनेट एवं स्मार्टफोन के अभाव में शिक्षकों के सामने विभिन्न समस्याएं आ रहीं हैं। इससे बेसिक शिक्षाधिकारी को अवगत कराने इसके साथ ही पदोन्नति एवं अन्य समस्याओं को रखा गया है। उधर शिक्षक संगठन के सहसंयोजक अजय मिश्रा ने कहा कि शिक्षकों को बिना नोटिस दिए और स्पष्टीकरण मांगे उनका वेतन काटना गलत है। इस कार्रवाई पर शिक्षक संगठन ने नाराजगी जाहिर की है। कार्रवाई करने से पहले शिक्षकों से उनका स्पष्टीकरण जरूर मांगा जाए।

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