बलिया। जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने जनपद के किसानों से अपील करते हुए कहा कि पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम के लिए पराली (फसल अपशिष्टों ) को जलाना एक दंडनीय अपराध है। राजस्व विभाग द्वारा पर्यावरण को हो रहे क्षतिपूर्ति की वसूली के निर्देश दिए गए हैं।
*पर्यावरण कम्पंसेशन की होगी वसूली, डीएम ने दिया निर्देश*
दो एकड़ से कम क्षेत्र के लिए रू0 2500 दो से पांच एकड़ क्षेत्र के लिए रू0-5000 और पांच एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए रू0-15000 तक पर्यावरण कम्पंसेशन की वसूली के निर्देश दिए गए हैं। पराली जलाने की घटना पाए जाने पर संबन्धित को दण्डित करने के संबंध में राजस्व विभाग द्वारा राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम की धारा-24 के अंतर्गत क्षतिपूर्ति की वसूली एवं धारा-26 के अंतर्गत उल्लंघन की पुनरावृत्ति होने पर सम्बन्धित के विरूद्ध अर्थदंड आदि की कार्रवाई के प्रावधान किया गया है।
*पराली जलाने की पुनरावृत्ति हुई तो सरकारी सुविधाओं व सब्सिडी से होंगे वंचित*
बताते चलें कि अगर पराली जलाने वाले किसानों को मना करने के बाद भी दोबारा जलाए जाने अथवा घटना की पुनरावृत्ति करने की दशा में संबन्धित कृषकों को सरकार द्वारा प्रदान किए जाने वाली सुविधाओं तथा सब्सिडी आदि से वंचित किए जाने की कार्रवाई के निर्देश राष्ट्रीय हरित अधिकरण नई दिल्ली द्वारा दिए गए हैं। साथ ही रबी फसलों यथा- गेहूॅ, मक्का, सरसों, जौ इत्यादि फसलों के पराली/फसल अपशिष्ट न जलाएं अपितु इसका वैकल्पिक उपयोग यथा-बायो एनर्जी, कम्पोस्ट खाद आदि में करें।