लीलकर गांव में लगी आग, लगभग 50 बीघा गेंहूँ की खड़ी फसल जलकर राख

बलिया। घटना सिकंदरपुर तहसील क्षेत्र के लीलकर गांव की है, जहां शुक्रवार की दोपहर में एचटी तार पर पक्षियों के बैठने के कारण। तारों के आपस में टकरा कर चिंगारी निकलने से गेंहु के खेत में आग जाने से लगभग 50 बीघा में फैली 3 दर्जन से अधिक लोगों की गेहूं की खड़ी फसल जलकर राख हो गई। सूचना पर लगभग डेढ़ घंटे के बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंची। फायर ब्रिगेड की गाड़ी लेट पहुंचने पर ग्रामीण आक्रोशित हो गए। मौके पर जब तक फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंची तब तक गेहूं की खड़ी फसल जलकर राख हो गई थी। वहीं अपने खेत की खड़ी फसल जलता देख लिलकर गांव निवासी 65 वर्षीय लालमोहर आग को बुझाने का प्रयास करने लगे। लेकिन चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलस गए, जिन्हें तत्काल प्रभारी निरीक्षक सिकंदरपुर दिनेश पाठक ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरपुर पहुंचाया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सक ने सदर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।
इस दौरान सूचना पर लेखपाल विनय कुमार तत्काल मौके पर पहुंचकर सभी जली हुए फसलों का जायजा लिया। फायर ब्रिगेड की गाड़ी लेट पहुंचने पर ग्रामीण आक्रोशित हो गए। फायर ब्रिगेड पर मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि क्षेत्र में फायर ब्रिगेड मौजूद नहीं था। सूचना मिलने पर सोनाडीह से भी भागते हुए आ रहे हैं, जिस कारण से देर हुई है। इस दौरान सूचना पर लेखपाल विनय कुमार तत्काल मौके पर पहुंचकर सभी जली हुए फसलों का जायजा लिया, जिसमें हरिमोहन, राजेश, बुचिया देवी पत्नी प्रभुनाथ वर्मा, शिव पुत्र मुन्ना वर्मा, हरिचरण पुत्र चंदेश्वर राय, पृथ्वी चौहान, शेषनाथ गोड़, हीरामन पुत्र रामधारी, रविंद्र शर्मा पुत्र उमाशंकर, रामाश्रय पुत्र मुन्ना, राजकुमार वर्मा पुत्र चंद्र मोहन वर्मा, बल्ली गोंड़ पुत्र सहदेव, कालीचरण पुत्र रूप राम लाल जी, देवेंद्र वर्मा, राजकुमार, शेषनाथ, रणजीत, कृष्णा राय, विजय वर्मा, निजामुद्दीन, श्यामदेव, नजीबुल्लाह अंसारी, दीपचंद, श्री कृष्ण प्रसाद, शिवाश्रय वर्मा, आंनद वर्मा, अंजनी कुमार, रामबालक मिश्रा, बीरबल, काशीनाथ, शिवचंद, मदन, सतेंद्र यादव, राजकुमार यादव, कृष्णा यादव, सत्येंद्र यादव पुत्र जगदीश यादव, सन्तोष यादव, अंजनी चौहान पुत्र बाल किशन चौहान, गौरव यादव पुत्र राजकुमार यादव, पृथ्वी चौहान, आदि तोन दर्जन से अधिक लोगों की खड़ी फसल जलकर राख हो गई है। इनमें से अधिकतर बटाईदार थे। वहीं हल्का लेखपाल ने सारा जायजा लेने के बाद शासन से सहयोग दिलाने की बात कही।

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