खाकी का खुदरा गांव में खौफनाक कृत्य..




योगी के निर्देश को थानेदार दिखा रहा है ठेंगा..

घर में सो रहे निर्दोष युवक को उठाया और आठ घंटे तक थाने में किया टार्चर

कार्रवाई का कारण पूछने पर कि जमकर पिटाई

गाजीपुर। जनपद के खुदरा-पथरा गांव में खाकी के खौफनाक कदम एवं मानसिक प्रताड़ना से एक युवक उबर नहीं पा रहा है। पिछले 48 घंटे से वह डरा -सहमा हुआ है। जीवन में पहली बार निर्दोष होते हुए भी उसे पुलिस की प्रताड़ना तब झेलनी पड़ी। हुआ कुछ यूं कि जब वह घर में खाना खाकर सो रहा था, तो अचानक घर पहुंची पुलिस उसे बिना कारण बताए जबरिया अपने गाड़ी में बैठाकर थाने ले गई। वहां उसकी पिटाई करने के बाद उसे मानसिक एवं शारीरिक रूप से प्रताड़ना दी गई। वह मानसिक रूप से अस्वस्थ चल रहा है।

जनपद में पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी योगी सरकार के निर्देशों को ठेंगा दिखा अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। इसका जीता जागता उदाहरण गहमर थाना क्षेत्र के खुदरा गांव में तब देखने को मिला जब एक निर्दोष युवक को अपराधी की तरह पुलिस बेड से उठा ले गई और आठ घंटे बाद उप मुख्यमंत्री कार्यालय से फोन आने के बाद किसी तरह छोड़ा।


गहमर थाने के खुदुरा गांव निवासी विद्यासागर उपाध्याय का पिछले 20 वर्षों से पत्नी के साथ विवाद चल रहा है। यह मामला न्यायालय में लंबित है। परिवार में कलयुगी मां ने करीब दो दशक पहले अपने दो बच्चों को पिता के सहारे छोड़कर बिना किसी सूचना के गायब हो गई थी।
इसके कई साल बाद पत्नी ने पति पर कोर्ट में भरण -पोषण का मुकदमा किया। न्यायालय के आदेश के बाद थाने पर विपक्षी पार्टी की मौजूदगी में पीड़ित परिवार द्वारा दबाव बनाने के लिए कामाख्या धाम पुलिस चौकी एवं थाना -गहमर की पुलिस विद्यासागर उपाध्याय के घर पहुंची। विद्यासागर उपाध्याय के न मिलने पर पुलिस ने उनके घर पर जमकर तांडव किया। साथ ही उनके निर्दोष बेटे एवं भाई के नाबालिक बच्चे को पुलिस चौकी उठाकर ले आई। चौकी में पूछताछ के नाम पर आठ घंटे तक जबरन बैठाई रखी।

इस दौरान बच्चों को विपक्षी के सामने गाली गलौज करते हुए चौकी इंचार्ज ने बच्चों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करती रही। बच्चों के विरोध करने पर मनबढ़ दरोगा बृजेश मिश्रा ने बच्चों की पिटाई कर दी। इस दौरान विपक्षी भी थाने में मौजूद रहा। पुलिस प्रशासन विपक्षी की मौजूदगी में यह कृत्य की। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि पैसे का लेन-देन करके पुलिस ने यह कृत्य किया है| इस बारे में अंकित उपाध्याय व नाबालिक असीत उपाध्याय ने बताया कि पुलिस घर से किसी से मिलाने के बहाने पुलिस चौकी ले आई तथा उन्हें जबरदस्ती बैठाकर गाली गलौज करने लगी।बच्चों के विरोध करने पर पुलिस ने उन बच्चों की पिटाई भी कर दी| इससे अंकित उपाध्याय के कान और दिमाग पर गहरा चोट पहुंचा है। उसका उपचार सदर अस्पताल में चल रहा है।


बता दें कि पुलिस का यह हाईप्रोफाइल ड्रामा उस दिन उच्चाधिकारियों के फोन आने के बाद बंद हुआ। करीब 11:00 बजे तब बंद हुआ, जब पुलिस कप्तान के पीआरओ सहित अन्य पुलिस अधिकारी का फोन थानाध्यक्ष बृजेश मिश्रा के पास आने लगा। तब अंकित उपाध्याय और नाबालिक असीत उपाध्याय को मनबढ़ दरोगा ने रात में 11:00 बजे मुक्त किया। इस दौरान गांव के सम्मानित लोगों की भीड़ पुलिस चौकी पर बनी रही|


Please share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!