गड़बड़झाला : खाद्यान्न मामले में बीएसए ने त्रिस्तरीय जांच टीम गठित की


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विद्यालय में खाद्यान्न छुपा कर रखने की डीएम को मिली थी शिकायत

जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम सदर ने शुरू कराई जांच
बलिया। शिक्षा क्षेत्र हनुमानगंज अंतर्गत दुमदुमा कम्पोजिट विद्यालय में छिपाकर रखे गए 30 बोरी खाद्यान्न के मामले में बीएसए ने त्रिस्तरीय जांच टीम गठित कर दी है। दो दिन के अंदर टीम अपने रिपोर्ट प्रेषित करेगी। बता दें कि जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल को मिली शिकायत के आधार पर उपजिलाधिकारी सदर ने खंड शिक्षाधिकारी हनुमानगंज अनूप गुप्ता को जांच के आदेश दिए थे। एबीएसए ने स्कूल से 30 बोरी सरकारी खाद्यान्न बरामद किया। यह खाद्यान्न बीते अप्रैल माह का था। सूत्रों की मानें तो तीन कमरों में कुल 38 बोरी खाद्यान्न पाया गया है, लेकिन एबीएसए ने दो कमरे की जांच की है। इस मामले में बीएसए ने तीन सदस्यीय टीम गठित कर जांच करने का आदेश दिया है।
बता दें कि जांच में खंड शिक्षाधिकारी ने पाया कि 129 बच्चों के लिए चार-चार बार खाद्यान्न निकाला गया। जबकि विद्यालय में इन चार महीनों में औसतन सिर्फ 50 बच्चे ही पढ़ने आए हैं। सूत्रों की मानें तो दुमदुमा कम्पोजिट विद्यालय में बीते कोरोना काल से ही खाद्यान्न घोटाला का खेल चलता आ रह है। लेकिन कानोकान किसी को इसकी खबर नहीं थी। इसी बीच किसी ने विद्यालय की शिकायत जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल से कर दी। जिलाधिकारी ने मामले की जांच सदर एसडीएम को सौंपी। एसडीएम के आदेश पर मंगलवार को खंड शिक्षाधिकारी हनुमानगंज अनूप गुप्ता ने दुमदुमा कम्पोजिट विद्यालय की जांच मंगलवार को किया तो सच्चाई सामने आई। जांच में खंड शिक्षाधिकारी ने पाया कि 129 बच्चों के लिए चार-चार बार खाद्यान्न निकाला गया। जबकि विद्यालय में इन चार महीनों में औसतन सिर्फ 50 बच्चे ही पढ़ने आए हैं। सवाल यह उठता है की जब स्कूल में अप्रैल माह का खाद्यान्न पड़ा था तो, मई, जून, जुलाई और अगस्त का खाद्यान्न कहां गया। सवाल यह भी उठता है कि एक माह में कितना खाद्यान्न उठता है। इस संबंध में पूछे जाने पर प्रधानाध्यापक अफताब आलम ने सही जबाब नहीं दिया। इसके बाद खंड शिक्षाधिकारी ने कमरे को सील कर दिया है। इस मामले की जानकारी होने पर बीएसए मणिराम सिंह ने त्रिस्तरीय टीम का गठन कर मामले की जांच का निर्देश दिया है। जांच टीम दो दिन के अंदर स्कूल में पहुंच कर मामले की जांच करेगी। मध्याह्न भोजन योजना का इतनी मात्रा में खाद्यान्न कब से रखा गया है। इसकी सूचना अधिकारियों को क्यों नहीं दी गई। तमाम बिंदुओं की जांच की जाएगी।
उधर, इस मामले में विभाग की ओर से बताया कि कारोना महामारी के समय बच्चों को वितरित किया जाने वाला एमडीएम खाद्यान्न है, लेकिन इसकी सूचना उच्चधिकारियों को नहीं देना, उचित मंशा को नहीं दर्शा रहा है। इस बाबत बीएसए मणिराम सिंह ने बताया कि मामले की जांच के लिए त्रिस्तरीय टीम गठित कर दी गई है, जो दो दिन के अंदर अपना रिपोर्ट प्रेषित करेगी
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