“एहसास यह होता है दौरे तबाही, शीशे की अदालत में पत्थर की गवाही..”

गाजीपुर। हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर गाजीपुर पत्रकार एसोसिएशन के तत्वावधान में जिला पंचायत सभागार में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसका शुम्भारंभ मुख्य अतिथि डा. आनन्द सिंह द्वारा माॅ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में बताया कि गाजीपुर पत्रकार एसोसिएशन एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास रखने वाली संस्था है। जिसमें लोकतंत्र के तहत चुनाव कराकर पदाधिकारियों का चयन होता है। इसलिए पत्रकारिता यहां कायम रहेगी और सभी पत्रकारों का समस्याओं का समाधान होता रहेगा। अगले क्रम में डा. सानन्द सिंह ने गोष्ठी का विषय आज के परिवेश में पत्रकारिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज की पत्रकारिता बहुत महत्वपूर्ण हो गई है। लेखनी और समाज के बीच सामंजस्य स्थापित करना किसी चुनौती से कम नहीं है। अगले क्रम में डा. डीपी सिंह ने बताया कि पत्रकारिता से पत्रकारों को जीवन यापन करना काफी कठिनाइयों भरा है।

जब तक यह अपने समस्याओं से उबर नहीं पाते तब तक उनकी लेखनी कठिनाइयों की दौर से गुजरती रहेगी। अगले क्रम में समाजसेवी ब्रजभूषण दूबे ने कहा कि आज के दौर में पत्रकारिता अब सोशल मीडिया पर आधारित हो चुकी है। अब लोग अपने खबरों के लिए अखबार नहीं खोजते, अब मोबाइल पर ही सोशल मीडिया व यूट्यूब के माध्यम से समाचार घर बैठे -बैठे ही मिल जाता है। आज जरूरी है कि जो स्थानीय पत्रकारों की खबरों से बड़े अखबारों व टीवी चैनलों की सुर्खिया बनती है, उन्हीं अखबारों एवं टीवी चैनलों के पत्रकारों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ता है। पत्रकारों को अपनी आम दिनचर्या व खर्चाें का वहन करना किसी चुनौती से कम नहीं है। इसलिए आज जरूरी है कि पत्रकारों को आर्थिक तरीके से मजबूत किया जाना बहुत जरूरी है। अगले क्रम में जिला पूर्ति अधिकारी व साहित्यकार निर्मलेन्दु जी ने बताया कि हिन्दी पत्रकारिता उदंण्ड मार्तण्ड अखबार से प्रारंभ होकर आज के दौर में सोशल मीडिया तक पहुॅच चुकी है। हिन्दी का विस्तार बहुुत हुआ है।

अपने उद्बोधन में महामना मदन मोहन मालवीय और रामवृक्ष बेनीपुरी, मुंशी प्रेमचन्द जैसे साहित्यकारों का पत्रकारिता में अकल्पनीय योगदान को सराहा और महामना मदन मोहन मालवीय के पत्रकारों के लिए मानदेय देने की वकालत की थी। तभी से पत्रकारों ने आज तक इस मांग को लेकर पत्रकार आवाज उठते रहे हैं। लाला लाजपत राय, बालगंगाधर तिलक, गणेश शंकर विद्यार्थी देश और समाज के लिए पत्रकारिता के बलबूते अपनी लेखनी के दम पर जो समाज सुधार का कार्य किए और समाज को एक दिशा देनेे का कार्य किया वह आज भी समाज मेें कायम है। पत्रकारिता महाभारत के दिव्यदृष्टा संजय की तरह न होकर कृष्ण की तरह समाज सुधारक होना चाहिए। हम खबर परोस देते हैं और समाज में उसका क्या असर पड़ता है। इस पर भी ध्यान केन्द्रित रखकर समाचार का प्रसारण किया जाना चाहिए। अगले क्रम में पत्रकारिता जगत से जुड़े  सोशल मीडिया प्लेटफार्म भड़ास फार मीडिया के संपादक जसवंत सिंह ने आज के परिवेश मेें पत्रकारिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्थानीय पत्रकारों के समाचार के बूते ही बड़े.बड़े अखबार पर मीडिया घराना सुर्खियों में बना रहता है।

इन्हीं खबरों के बलबूते ही पत्रकार अपना सबकुछ न्यौछावर कर देता है और जब अपना ही लिखा समाचारों पर विवाद खड़ा हाता है, तो यही मीडिया घराना उससे अलग होकर पत्रकार से अपना पल्ला झाड़ देता है, तो फिर पत्रकार अपने बलबूते लड़ाई लड़ने को बाध्य हो जाता है। एक अजीब विडंबना है कि जिनके लिए हम काम करते हैं, विपत्तियों में हमारा साथ छोड़ देते है और हम फिर अपनी लड़ाई आम नागरिकों की तरह लड़ने को मजबूर हो जाते हैं। वहीं बूकर अवार्ड विजेता गीतांजली श्री पर भारत सरकार या प्रदेश सरकार द्वारा अब तक कोई क्रिया व प्रतिक्रिया व्यक्त न करने पर सरकार की भत्र्सना की। इसके साथ ही आज के दौर में मीडिया घराना के बड़े अखबार व टीवी. चैनल के समाचार को महत्व न देते हुए सोशल मीडिया को समाचार के क्षेत्र मेें एक बड़ा प्लेटफार्म बताया, जो आज के दौर की समाचार को लेकर आवश्यकता बनी हुई है। मीडिया प्रभारी शशिकान्त ने पत्रकारों को धन्यवाद ज्ञापित किया। अन्तिम प्रवक्ता के रूप में जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी कृपाशंकर राय ने कहा कि जिले में कहीं भी पत्रकारों का उत्पीड़न यदि होता है या इस तरह का कोई मामला पाया जाता है, तो उसे हमारे संज्ञान में तत्काल लाया जाए जिसे पत्रकारों का उत्पीड़न की कार्रवाई पर तुरन्त रोक लगाई जाएगी। दोषियों को सजा दिलाया जाएगा। हमारी आजादी में इन पत्रकारों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

इसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है। इस कार्यक्रम में मंचासीन अतिथि डा. आनन्द, डा. डीपी. सिंह, डा. सानन्द सिंह, साहित्यकार निर्मलेन्दु जिलापूर्ति अधिकारी व जसवन्त सिंह को संरक्षक अशोक श्रीवास्तव व अध्यक्ष विनोद पाण्डेय ने संयुक्त रूप से स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन डा. एके राय ने किया। इस अवसर पर पत्रकार अनिल उपाध्याय, विनय कुमार सिंह, चन्द्र कुमार तिवारी, पवन श्रीवास्तव, बिनोद गुप्ता, संजय सिंह प्रदीप शर्मा, नीतिश सिंह, अभिषेक सिंह, शिवप्रताप तिवारी, विक्की, अजय राय बबलू, वेदू, ए जे तिवारी, राममनोज त्रिपाठी, पंकज त्रिपाठी, सुधीर प्रधान, इन्द्रासन यादव, सुमन्त सकरवाल, शिवकुमार, रमेश, सुनील, रविकान्त, आशुतोष त्रिपाठी, शशिकान्त, अनिल, सुशील उपाध्याय, विवेक चौरसिया, बृजेश राय, दुर्गविजय सिंह, प्रमोद सिन्हा, रामजन्म, भुवन जायसवाल, अविनाश सिंह, विनय यादव, राजू उपाध्याय, मुमताज अन्सारी, अजय शंकर तिवारी, अधिवक्ता शिवकुमार, अपर शासकीय अधिवक्ता अखिलेश सिंह, अभय नारायण तिवारी, अमरजीत, आरिफ, ऑन्चलिक क्रान्ति के सम्पादक त्यागी मुखदेव सिंह आदि पत्रकार उपस्थित रहे। 

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