यूक्रेन से बलिया लौटी रितु मौर्या ने बताई पूरी दास्तान..
बलिया। सैकड़ों विदेशी छात्रों के साथ यूक्रेन का बॉर्डर खासकर रोमानिया के रास्ते भारत, फिर बलिया पहुंची रितु मौर्या ने बताया कि वहां चारों तरफ दहशत है। सभी डरे हुए हैं। अब सबके सामने भोजन- पानी की तक की समस्या आ रही है। यूक्रेन का कोई इलाका सुरक्षित नहीं है। बाजार व दुकानें बंद हैं। कहीं-कहीं पानी भी मिलना मुश्किल है। ऐसे में भारत से पढ़ने आए छात्रों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
इस समय यूक्रेन से वतन वापसी का रास्ता चुनौती भरा है। यूक्रेन सरकार ने एडवाइजरी जारी कर सभी छात्रों एवं भारतवासियों को जल्द से जल्द युक्रेन छोड़ने की चेतावनी दी है।
रितु मौर्या ने बताया कि वह अपने 61 साथियों के साथ 20 किमी पैदल चलकर बार्डर पार की। शनिवार को वह यूक्रेन से सकुशल बलिया पहुंची। कहा कि रोमानिया बॉर्डर से लेकर भारत आने में और फिर बलिया तक पहुंचने में लोगों ने काफी मदद की। बताया कि रोमानिया बॉर्डर के आस-पास रहने वाले छात्रों को थोड़ी राहत जरूर है। वहां के छात्र आसानी से बॉर्डर क्रॉस कर किसी तरह से लौट रहे है। लेकिन बीच में फंसे .छात्र अभी दहशत में जी रहे हैं। उन्हें वहां से निकलना जरूरी है। वहां चारों तरफ डरावना माहौल है। लोग भयभीत हैं। आलम यह है कि विश्व के कई देशों के छात्र वहां पढ़ाई करने के लिए आते हैं।लेकिन सभी इन दिनों डरे हुए हैं। कुछ इलाकों में बताया गया था कि यहां खतरा नहीं है, लेकिन मिसाइल से हमला सबसे पहले उन्हीं सुरक्षित इलाकों में हुआ है। अब यह बता पाना मुश्किल है कि कब कहां मिसाइल व बम गिर सकता है। अब टाइम नहीं है। सबकी जान मुश्किल में फंसी है। छात्र वहां से खुद ही बस करके बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं। बस वाले भी बड़ी मुश्किल से तैयार हो रहे हैं। वह बॉर्डर से 20 किलोमीटर पहले ही बस से उतार दे रहे हैं। बसों पर भारत का झंडा लगाकर छात्रों को किसी तरह निकाल रहे हैं। सभी छात्र 20 किलोमीटर पैदल चलकर बॉर्डर पार करने के लिए मजबूर हैं। रितु ने बताया कि वहां का तापमान काफी लो है। जगह-जगह बर्फबारी भी हो रही है। बॉर्डर पर छात्र एवं लोगों की इतनी भीड़ हैं कि पैर रखने की भी जगह नहीं है। किसी तरह से लोग वहां से बाहर निकल रहे हैं।