फेफना में फिर खिलेगा कमल या दौड़ेगी साइकिल ?

ब्राह्मण, दलित, राजभर व मल्लाह वोटरों पर टिकी नजर..
बलिया। विधानसभा चुनाव – 2022 की बात करें तो, जिले की सातों विधानसभा सीटों पर तीन मार्च को छठवें चरण का चुनाव तय है। फेफना विधानसभा सीट पर इस बार भाजपा व सपा के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है। दोनों दलों के समर्थक अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। शुरुआती दिनों में यहां साइकिल की रफ्तार तेज थी, लेकिन अब धीरे-धीरे यह रफ्तार थमती जा रही है और कमल अपनी पंखुड़ियों को खोले फिर खिलने की तैयारी में है।

विधानसभा चुनाव में प्रत्येक सीट का अपना जातीय समीकरण है। कहीं दलित और राजभर मतदाताओं के सहारे चुनावी नैया पार करने की कोशिश की जाती है, तो कहीं मुस्लिम वोट बैंक बटोरे जाते हैं, किसी सीट पर ब्राह्मण- भूमिहार और क्षत्रिय मतों के सहारे चुनाव जीतने का सिलसिला जारी है। देखा जाए तो बलिया की कई सीटों पर साइकिल और भगवा के बीच आमने -सामने की जंग जारी है। फेफना विधानसभा में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। यहां किला फतह करना है, तो जातिगत किलेबंदी को भी जीतना होगा। इस सीट पर जातिगत समीकरण हावी है। विभिन्न दलों ने भी उम्मीदवारों को इसी समीकरण के आधार पर टिकट दिया है। लेकिन पिछले दो चुनावों से जातिगत समीकरण से ऊपर उठकर लोग मतदान कर रहे हैं इस बार भी ऐसा हुआ तो यहां कमल खिलना तय माना जा रहा हैं।

उधर फेफना विधानसभा सीट पर नजर डालें तो, यहां ब्राह्मण मतदाताओं के साथ ही दलित, राजभर, मल्लाह वोटों पर सबकी नजर टिकी है। यह वोटर जिसके पक्ष में खुलकर जाएंगे उसकी जय निश्चित है। इस बार फेफना में कमल खिलेगा या साइकिल दौड़ेगी यह समय ही बताएगा ?

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