बलिया। 362- बांसडीह विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार एवं नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने शनिवार को क्षेत्र में जनसंपर्क के दौरान कहा कि पूरे प्रदेश में सपा की आंधी बह रही है। 10 मार्च के बाद भाजपा का बोरिया- बिस्तरा बंध जाएगा। क्योंकि आम जनता झूठों पर भरोसा करके देख चुकी है। कहा कि पूरे पांच साल तक भाजपा ने प्रदेश में धर्म के नाम पर नफरत बढ़ाने का काम किया गया है। लेकिन समाज में विष घोलकर सत्ता सुख भोगने वालों का अब दिन लद गया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के दावे चाहे जो भी हों, लेकिन हकीकत कुछ और है। प्रदेश में अपराध कम नहीं हुए, अत्याचार बढ़े हैं। महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, महिलाओं के साथ आए दिन घटनाएं होती हैं। आज कारोबारी अपराधियों से कम, लेकिन सरकार के इशारे पर तांडव करने वाले खाकी वर्दीधारियों से ज्यादा दहशत में हैं।
विरोधी दल के नेता रामगोविंद चौधरी ने यह भी कहा कि छठवें चरण के प्रचार के लिए पूरी ताकत लगा दी गई हैं। जन समर्थन के लिए दिग्गज नेताओं को मैदान में उतारा जा रहा है। लेकिन कोई फायदा नहीं है। दस मार्च के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पैदल हो जाएगी और सपा मुखिया अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादियों की सरकार बनेगी।
उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव नजदीक है और चुनावी लहर पैदा करने और जनता को भ्रमित करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक और बड़े नेता पूरी ताकत लगा रहे हैं। उन्होंने बांसडीह विधानसभा क्षेत्र के दर्जनों गांव में जनसंपर्क कर लोगों से सपा की सरकार बनाने के लिए समर्थन मांगा।
जगह- जगह मंच से हुंकार भरते हुए कहा कि बीजेपी नेताओं के सारे वादे अब सिर्फ सपना और जुमला बनकर रह जाएगा। भारतीय जनता पार्टी ने पांच साल तक पूरे उत्तर प्रदेश के अंदर जनता में भय पैदा करने और डराने का काम किया है। बांसडीह, बलिया ही नहीं, पूरे प्रदेश में बीजेपी का विकास शुन्य रहा है। आज जो भी विकास दिखाई दे रहा है वह सपा मुखिया अखिलेश यादव की देन है। उन्हीं विकास कार्यो को दिखाकर भाजपा अपनी पीठ खुद ही थपथपा रही है।
उन्होंने जनता से जुमलेबाजों की बातों पर भरोसा न करने की बात कही। बीजेपी के बड़े नेता अन्य प्रांतों में जाकर बड़ी-बड़ी बातें जरूर करते हैं। दावा करते हैं कि यूपी में तमाम बड़ी कंपनियां आज अपना पैसा लगा रहीं हैं, लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और है। आज बेरोजगार युवाओं की लंबी फौज है। वह सड़क पर मारे- मारे फिर रहे हैं। महंगाई चरम पर है। आम जनता कराह रही है। लेकिन इनकी फिक्र करने वाला कोई नहीं है।