बलिया। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 148 हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में कार्यरत सीएचओ के माध्यम से सक्रिय क्षय रोगी खोजी अभियान 23 अगस्त से चल रहा है। छह दिनों में टीबी के 25 नए मरीज खोजे गए और उनका इलाज शुरू कर दिया गया है। अभियान के दौरान छह दिनों में 10041 घरों में 554 लोगों के बलगम की जाँच की गई। जिसमें टीबी के नए 25 मरीज मिले हैं। यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ० आनंद कुमार ने दी।डीटीओ ने बताया कि एएनएम व आशा टीम बनाकर घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग कर बलगम एकत्रित किए गए। सीएचओ की ओर से खोजे गए 25 नए टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है। अभियान के दौरान पहले की तुलना में लोगों में टीबी के प्रति जागरूकता दिखी।
उन्होंने बताया कि यदि टीबी की पहचान शुरुआती दिनों में हो जाए तो मरीज छह माह के लगातार इलाज से ठीक हो जाता है। टीबी का इलाज अधूरा छोड़ने पर बढ़ जाता है और कुछ समय बाद यह मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) टीबी के रूप में सामने आता है, जो खतरनाक है।टीबी के मरीज ड्रग रेजिस्टेंट न हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और जिला टीबी नियंत्रण इकाई की ओर से मरीजों का नियमित फॉलोअप किया जाता है। टीबी के मरीज को पौष्टिक आहार मिल सके, इसके लिए उन्हें प्रतिमाह निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये पोषण भत्ते के रूप में सीधे मरीज के खाते में भेजे जाते हैं।
जिला कार्यक्रम समन्वयक आशीष सिंह ने बताया कि जिले में इस समय 2709 टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है। जिसमें से 86 एमडीआर टीबी के रोगी हैं | जनवरी 2021 से अब तक कुल 7467 टीबी रोगी नोटिफाई किए जा चुके हैं। 2018 से अभी तक निक्षय पोषण योजना में क्षय रोगियों को एक करोड़ 99 लाख 35 हजार का भुगतान डीबीटी के द्वारा किया जा चुका है।
क्या होता है क्षय रोग..
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि दो सप्ताह या अधिक समय तक खांसी आना, खांसी के साथ बलगम आना, बलगम में कभी-कभी खून आना। सीने में दर्द होना, शाम को हल्का बुखार आना, वजन कम होना और भूख न लगना टीबी के सामान्य लक्षण हैं।
क्या कहा मरीज़ों ने..
1- सुरेंद्र प्रसाद गौतम (56) निवासी कैथी ख़ातिमपुर नगरा ने बताया कि मुझे अचानक खांसी आने लगा। मुझे लगा कि यह साधारण सी बात है। फिर क्षय रोग अभियान के तहत आशा, सीएचओ ने मेरे घर पहुंचकर बलगम लिया और फिर बलगम की जांच हुई तो टीबी रोग की पुष्टि हुई। टीबी का इलाज शुरू हो गया। -देवन गौड (38) निवासी बांसडीह ने बताया कि मुझे खांसी, गले में खिच -खिच और सीने में तेज दर्द शुरू हुआ। वजन भी तेजी से गिरने लगा। आशा ने मेरे घर पर पहुंचकर बलगम इकट्ठा करके पास के सरकारी टीबी लैब में जांच कराया, तो टीबी रोग की पुष्टि हुई। टीबी का इलाज शुरू हो गया है।