माफिया ब्रदर्स की हत्या के बाद सर्विलांस पर लगाए गए 3000 मोबाइल नंबर हुए बंद, जांच में जुटी एसटीएफ




प्रयागराज। बीते 15 अप्रैल को मेडिकल चेकअप के दौरान हुई माफिया ब्रदर्स की हत्या के बाद से पुलिस लगातार इस मामले की जांच कर रही है कि दोनों भाईयों की मौत के बाद करीब 3000 फोन अचानक बंद हो गए हैं। यह नंबर सर्विलांस पर लगाए गए थे। एक साथ इतने सारे मोबाइल नंबरों के ऑफ होने से इस मामले में जांच काफी हद तक प्रभावित हो रही है।
दरअसल पुलिस ने उमेश पाल की हत्या के बाद से शूटरों की तलाश के साथ ही अतीक-अशरफ के कई रिश्तेदारों और मददगारों के नंबर सर्विलांस पर लगाए थे।

जिससे कि पुलिस को इस केस में मदद मिल सके। वह शूटर और इस हत्याकांड में शामिल फरार अन्य आरोपियों तक पहुंच सके, लेकिन अतीक-अशरफ की मौत के बाद से उसके रिश्तेदार और दोस्त सभी दहशत में आ गए हैं। इस हत्याकांड के बाद से बंद हुए 3000 नंबरों के कारण जांच प्रभावित हो रही है। जांच प्रभावित न हो इसके लिए अब एसटीएफ ने कॉल डिटेल के जरिए मुखबिरों की मदद ले रही है।
बता दें कि उमेश पाल की हत्या के बाद फरार हुए शूटर और अतीक के परिजन जिसमें उसका बेटा असद और पत्नी शाइस्ता की तलाश करने के लिए पुलिस ने पांच हजार से ज्यादा मोबाइल नम्बर सर्विलांस पर लगाए थे। इतने नंबरों को सर्विलांस पर लगाने का एक ही मकसद था ताकि एसटीएफ को आरोपियों के बारे में जानकारी मिल सके‌ और ऐसा ही हुआ। एसटीएफ को कई जानकारियां भी मिली थी। यहां से मिली जानकारी के बाद ही एसटीएफ दिल्ली में तीन मददगारों तक पहुंच पाई। इन मददगारों से ही असद और गुलाम की लोकेशन मिली थी।

इसी लोकेशन के आधार पर एसटीएफ ने इन दोनों का पीछा किया और झांसी में जाकर ये दोनों पुलिस के हत्थे चढ़ गए। इसके बाद पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में दोनों की मौत हो गई। असद और गुलाम की मौत के ठीक तीन दिन बाद ही प्रयागराज में रिमांड के दौरान अतीक और अशरफ की अस्पताल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।



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