ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे : नगर के विजयीपुर व मखदुमहीं मौजे के काश्तकारों में आक्रोश


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बलिया। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस -वे के लिए शहर के विजयीपुर एवं मखदुमही मौजे के अगल-बगल के मौजों से भिन्न रेट होने को लेकर काश्तकारों में जबरदस्त नाराजगी है। किसानों का आरोप है कि सरकार ने जो सर्किल रेट तय किया है। उससे भी कम मूल्य पर हमारी जमीन को लेना चाहती है। जबकि रूसुम लेने के समय सरकारी रेट बढ़ जाता है। जिनकी जमीन ग्रिनफिल्ड एक्सप्रेस वे के लिए अधिग्रहित होनी है। उन इलाकों के सैकड़ों किसानों ने अपना विरोध दर्ज करते हुए मुख्य राजस्व अधिकारी बलिया को आगाह कराया है।
किसानों ने कहा कि जो सर्किल रेट गवरमेन्ट इसके पहले रशुम लेती थी उससे भी कम रेट तय कर देना न्यायसंगत नही है। इस पर पुनर्विचार कर तत्काल नये रेट निर्धारण किया जाय अन्यथा किसान अपनी जमीन सरकार को नही देंगे। मुख्य राजस्व अधिकारी / नोडल अधिकारी (NH-31)/ विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी, बलिया (NH-31) गाजीपुर से माझीघाट, बलिया ग्रीन प्रस्तावित दर के आपत्ति ग्रीनफील्ड परियोजना के निमार्ण हेतु प्रस्तावित क्रय की जाने वाली भूमि के किसानों कई निवेदन किये हैं। किसानों का कहना है कि प्रार्थीगण विजयीपुर उपरोक्त के सीमान्त / लघु कृषक है। उपरोक्त राजस्व ग्राम नगर पालिका परिषद बलिया के अन्तर्गत बलिया नगर से बिल्कुल सटा हुआ है तथा यह वार्ड नम्बर 23 और 24 के अन्तर्गत आता है। इसमें बलिया नगर का विस्तार बहुत तेजी से हो रहा है तथा यहाँ क्रय की जाने वाली भूमियों का क्रय-विक्रय आवासीय दर से हो रहा है। जबकि इसका बाजारू मूल्य निधारित सर्किल रेट से ज्यादा है। बाजार मूल्य कलेक्टर बलिया द्वारा निर्धारित आवासीय दर से आगणित विक्रय मूल्य पर दो प्रतिशत अतिरिक्त नगर पालिका टैक्स के साथ राजस्व की अदायगी क्रेता-विक्रेता द्वारा की जाती है। जिसका संज्ञान आशा है कि आपको भी होगी। यह कि हल्का लेखपाल द्वारा बताया जा रहा है कि हम लोगों को अधिग्रहित रकबे का प्रतिफल प्रति हेक्टेयर की दर से आगणित मूल्य का दो गुना अदा किया जाएगा। जबकि शासन की यह मंशा व आदेश है कि कास्तकारों की अधिग्रहित भूमि बाजार मूल्य से आगणित मूल्य का चार गुना कम से कम अदा किया जाना है। लेकिन शासन-प्रशासन के अफसर ऐसा न करके किसानों और काश्तकारों के साथ हक तलफी कर रहे हैं। इससे किसानों में आक्रोश व्याप्त है। ज्ञापन सौंपने वालों में ओमप्रकाश पांडेय, कमला सिंह, वीर बहादुर, शिव विलास, अरविंद सिंह, शिवमोहन, तेज बहादुर, आनंद कुमार सिंह, एके सिंह सहित दर्जनों किसान शामिल रहे।
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