आत्महत्या के पीछे मां की डांट या परिवार की आर्थिक तंगी..?
जौनपुर। माता- पिता के डांट का असर नयी पीढ़ी के बच्चों पर इस कदर असर करेगा, यह कभी किसी ने सोचा नहीं होगा। मां की डांट से क्षुब्ध तीन सगी बहनों ने आगे -पीछे कुछ नहीं सोचा और आत्महत्या कर ली। तीनों चलती ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान गवा दी। इसकी सूचना मिलते ही घर में मौत का मातम छा गया। मां बेटियों के लिए चीत्कार रही है, लेकिन उसकी लाडली बेटियां अब हमेशा के लिए उससे दूर जा चुकी हैं।
वाराणसी- सुल्तानपुर रेल खंड पर फत्तूपुर रेलवे क्रॉसिंग के पास तीन सगी बहनों ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों शवों को कब्जे में ले लिया और जांच में जुटी हुई है। बताया जा रहा है कि तीनों बहनों ने मां की डांट के बाद ये कदम उठाया है।
महाराजगंज थाना क्षेत्र के अहिरौली गांव में राजेंद्र गौतम की पांच बेटी रेनू, ज्योति, प्रीति (16), आरती (14), काजल (11) और एक बेटा गणेश (18) है। राजेंद्र गौतम की नौ साल पहले मौत हो गई है। जबकि पत्नी आशा देवी की आंखों की रोशनी जा चुकी है। परिवार पूरी तरह से गरीबी से लड़ रहा है। आशा देवी को विधवा पेंशन के नाम पर 500 रुपये महीना मिलता है। बेटा गणेश दिहाड़ी पर गांव में ही मजदूरी करता है। जबकि बेटियां आस-पास कटाई, मड़ाई करती थीं। परिवार का खर्च किसी तरह चलाता था। इसी साल मई में रेनू की शादी हुई थी। गणेश ने बताया कि प्रीति, आरती और काजल गुरुवार की शाम लकड़ियां बीनने के लिए गई थीं। तीनों शाम को करीब पांच बजे घर आई, तो मां ने किसी बात को लेकर उन्हें डांट दिया। इस पर तीनों मां से लड़ने लगीं, बाद में घर से चली गईं। तीनों ने गांव से दूर वाराणसी- सुल्तानपुर रेल प्रखंड पर वाराणसी से लखनऊ जाने वाली एक्सप्रेस के सामने कूदकर जान दे दी। मौके पर रात करीब 12:30 बजे पहुंची पुलिस को एक मोबाइल मिला। तीनों की शिनाख्त करने के बाद पीड़ित परिवार को जानकारी दी गई। बदलापुर पुलिस ने सभी शवों को कब्जे में ले कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। तीनों सभी बहनों के मौत के पीछे मां की नाराजगी है या परिवार की आर्थिक तंगी ? फिलहाल यह बताना मुश्किल है, लेकिन दोनों ही बातों की चर्चा लोग कर रहे हैं।