गाजीपुर। मरदह क्षेत्र के पौराणिक स्थल महाहार धाम में अपने समर्थकों के साथ पूर्व जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन अरूण कुमार सिंह नेताजी ने पहुंचकर बाबा भोलेनाथ की पूजा विधि विधान पूर्वक किया। बाबा भोलेनाथ से प्रार्थना किया कि जनपदवासियों के परिवार में सुख, समृद्धि व शांति बनी रहे। इस दौरान भगवान शिव की स्तुति की और कमल, गुलाब, बेल, मनार, धतुरा, वेलपत्र, शमी, पुष्प व अभीर, गुलाब, अभ्रक, आरती धूप, दीप, कपूर से पूजन किया। साथ ही कहा कि सावन मास हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र मास है। इस बेला में भगवान भोलेनाथ से मांगी गई हर मुराद जरूर पूरी होती है। सच्चे मन से मांगी गई मुराद भोलेनाथ जरूर पूरा करते हैं। भागदौड़ भरी जिंदगी में पूजा पाठ का बहुत बड़ा महत्व है। हर व्यक्ति अपने जीवन के अमूल्य कीमती समय से कुछ समय निकाल कर भगवान का चरण वंदना कर पुण्य के भागी बनता है। तभी हमारे जीवन का आधार मजबूत होगा। इस मौके पर अंजनी सिंह, विजय यादव, राजेश सिंह गुड्डू प्रधान, उदय प्रताप सिंह, शिव प्रसाद सिंह डायरेक्टर डीसीएफ, अरविंद सिंह, योगेंद्र सिंह गुड्डू, संजय बिन्द प्रधान, कुंदन सिंह, दिनेश पासी प्रधान, बरहपुर प्रधान प्रतिनिधि प्रवीण सिंह, श्री प्रकाश सिंह,अमरेंद्र सिंह, रवि सिंह, भोपाल सिंह, मनोज सिंह, बृजेश सिंह शेरू, प्रिंस सिंह, श्याम बिहारी सिंह, राज कुमार बिंद, अविनाश सिंह आदि थे।
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सुरक्षा में सेंध लगा उचक्कों ने उड़ाया महिला के गले से मंगलसूत्र
गाजीपुर। मरदह के महाहरधाम मंदिर परिसर में सारी सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देते हुए उचक्कों ने महिला के गले से सोने का कीमती आभूषण को उड़ा दिया।
बता दें कि संगीता जायसवाल (28) पुत्री मुटुक जायसवाल निवासी मरदह अपने ससुराल चिरैयाकोट मऊ से महाहर धाम दर्शन पूजन करने के लिए सोमवार की सुबह दस बजे पहुंची थी। शिव मंदिर में दर्शन पूजन करने के बाद बगल स्थित 300 मीटर की दूरी पर भैरोबाबा मंदिर में दर्शन पूजन करने गई थी। इस दौरान चोर उचक्कों ने उसके गले से सोने का मंगलसूत्र जिसकी कीमत करीब 55 हजार रुपए बताई गई। उसे पलक झपकते उड़ा दिया। जब इसकी जानकारी संगीता जायसवाल को हुई, तब तक देर हो चुकी थी। घटना को जानने के बाद वह गश खाकर गिर गई। पास की महिलाओं ने उसे किसी तरह संभाला। इसके बाद वह शिव मंदिर पहुंचकर घटना की जानकारी मौजूद पुलिसकर्मियों को दी। फिर रोते -बिलखते हुए अपने घर को चली गई।
घटना को लेकर मंदिर परिसर में काफी कौतूहल का विषय बना रहा। सूत्रों की मानें तो भैरोबाबा मंदिर परिसर या प्रांगण में मौके पर कोई पुलिस कर्मी नहीं था। और ना ही महिला पुलिस। जबकि बकाए दे रात व दिन में यहां ड्यूटी लगाई जा रही है।ग्रामीणों ने बताया कि भैरोबाबा मंदिर परिसर में क्षेत्र सैकड़ों अराजकतत्वों का जमावड़ा दिन रात लगा रहता है। नशेड़ी किस्म के लोग हमेशा मौजूद रहते हैं, जो महिलाओं पर गलत नजर से निशाना साधते हैं, वहीं दूसरी ओर रात के पहर में शिव मंदिर से लेकर भैरोबाबा मंदिर परिसर तक प्रकाश का कोई इंतजाम नहीं है। घने अंधेरे में भयभीत होकर महिला पुरुष व युवतियां दर्शन पूजन को आते जाते है। इस संबंध में मेला समिति व स्थानीय पुलिस प्रशासन से बातचीत की गई तो सभी ने चुप्पी साध ली।